एमटीवी के ग्लैमर हंट शो इण्डियाज नेक्स्ट टॉप मॉडल सीजन 4 की विनर निशा यादव ने जयपुर लौटकर शेयर किए अपने अनुभव, फैन्स ने किया गाजे-बाजों से स्वागत
जयपुर। ‘‘प्रतिभाएं जन्मजात होती हैं और किसी भी इन्सान में छिपा टैलेन्ट कहीं न कहीं नजर आ ही जाता है। मेरे अन्दर छिपी प्रतिभा को मैने स्वयं ने पहचानने में काफी समय लगा दिया, लेकिन जब मुझे सही मंच मिला तो मेरा टैलेन्ट आज सबके सामने है। अगर प्रतिभा को सही समय पर उचित अवसर मिले तो वे स्वयं को दुनिया के सामने साबित कर सकती हैं।’’ यह कहना है एमटीवी के ग्लैमर हंट शो ‘‘इण्डियाज नेक्स्ट टॉप मॉडल सीजन 4’’ की फर्स्ट रनर-अप रहीं मॉडल निशा यादव का। रविवार को जयपुर पहुंचने पर फैन्स और फैमिली ने एयरपोर्ट पर गाजे-बाजों के साथ भव्य स्वागत किया। फैशन लेबल शिवायु के डिजाइनर शिवानी और आयुष सोनी के परिधान में सजी-धजी निशा यादव ने उन्हीं के स्टूडियो में फैन्स और मीडिया से मुलकात की और शो से जुड़े अपने अनुभव साझा किए।
ग्रामीण परिवेश का उड़ाया मजाक
निषा यादव ने बताया कि एमटीवी के शो इण्डियाज नेक्स्ट टॉप मॉडल में ऑडिशन के बाद जैसे ही मेरा सलेक्शन हुआ और शो में मैं पहुंची, तो शो में आए अन्य मॉडल्स ने मेरी ग्रामीण पृष्ठभूमि को देखते हुए मेरा खूब मजाक उड़ाया और उन्हें लग रहा था कि मैं शो के पहले ही राउण्ड में बाहर हो जाउंगी, लेकिन मेरे अन्दर के आत्मविश्वास ने मुझे टॉप पोजीशन दिलवाई है। निशा ने बताया कि मैं कोटपूतली के पास एक गांव से हूं और परिवार में हम पांच बहनें हैं, जिनमें से एक आईएएस और एक सब-इंस्पेक्टर है। मेरे पिता किसान हैं और बेटियों की परवरिश करने में ही उन्होंने अपनी सारी पूंजी खर्च की है। गांव के माहौल में ब्यूटी शो और मॉडलिंग के लिए तैयारी करने के लिए अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन माता-पिता और बहनो के प्रोत्साहन से मैं आगे बढ़ती चली गई।
कैटवॉक को सब कहते थे धाकड़ चाल
मैंने बहुत की कम उम्र में 5 फीट 8 इंच की हाइट प्राप्त कर ली थी, जिसकी वजह से मुझे गांव में जिराफ कहा जाने लगा था। न जाने कब मेरी कॉमन चाल एक मॉडल की भांति कैटवॉक में बदल गई, मुझे इसकी भी जानकारी नहीं थी। सबसे अलग चलने के कारण लोग मेरी कैटवॉक को धाकड़ चाल के रूप में पुकारते थे। एक दिन मेर पिताजी ने मुझे अखबार लाकर दिखाया जिसमें एक आर्टिकल में अभिनेत्री सोनम कपूर की हाइट को जिराफ की भांति लिखा गया था। मेरे पिता ने कहा जब जिराफ जैसी इस लड़की का फोटो अखबार में छप सकता है तो मेरी बेटी भी कुछ कर सकती है। यही मेरे मॉडलिंग के क्षेत्र में आने का माध्यम बना और मैंने जयपुर में पढ़ाई के साथ-साथ रैम्प शोज और ब्यूटी पीजेन्ट्स में भाग लेना शुरू किया। यहां मैंने खुद से सीखा और बिना किसी गाइडेन्स के खुद ब खुद आगे की राह निकाली। सिंगापुर में हुए एमटीवी इण्डियाज नेक्सट टॉप मॉडल शो में मुझे मलाइका अरोड़ा और मिलिंद सोमन ने बहुत इम्प्रेस किया और वे खुद भी मेरी परफॉर्मेन्स से काफी खुश हुए। राजस्थान से पहली बार किसी मॉडल का इस मुकाम पर पहुंचना मुझे वाकई गर्व की अनुभूति करवाता है।
सुपर मॉडल बनने का है सपना
लोग कहते हैं कि मॉडलिंग की उम्र कम होती है लेकिन मेरे अनुसार मॉडलिंग सिर्फ एक पेशा ही नहीं, बल्कि लाइफस्टाइल है। आज विदेशों में कई ऐसी मॉडल्स हैं, जो 80 साल की उम्र में भी मॉडलिंग कर रही हैं। मेरा सपना भी उन्हीं की तरह एक सुपर मॉडल बनना है। इसके लिए जो भी उचित प्लेटफॉर्म मिलेगा, मैं उसमें अपना भरपूर योगदान दूंगी। सेल्फ प्रजेंटेशन और एटीट्यूड ही एक मॉडल को सक्सेस बनाता है। मेरा सफर अभी शुरू हुआ है और मैं अपनी मंजिल को पाकर ही रहूंगी।
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