अहमदाबाद। अडानी विल्मर के प्रोजेक्ट सुपोषण जिसे अडानी फाउंडेशन द्वारा क्रियान्वित किया गया है, को प्रतिष्ठित पब्लिक अफेयर्स एशिया(पीपीए) गोल्ड स्टैंडर्ड अवार्ड फॉर कॉर्पोरेट सिटिजनशिप (कम्युनिटी रिलेशंस) दिया गया है. यह पुरस्कार हांग कांग में द फॉरेन कॉरेस्पॉन्डेट्स क्लब में 6दिसंबर को आयोजित10वें गोल्डन स्टैंडर्ड अवार्ड्स में दिया गया।
डॉ. प्रीति अडानी,चेयरपर्सन, अडानी फाउंडेशन ने कहा, “हमें इस प्रतिष्ठित अवार्ड के साथ अपनी उपलब्धियों की सूची में एक और उपलब्धि जोड़कर गर्व महसूस हो रहा है. हम अपनी विभिन्न पहलों के माध्यम से जिंदगियों को बदलने की दिशा में अपने प्रयासों को जारी रखेंगे. अडानी फाउंडेशन का विश्वास लोगों को सशक्त बनाकर स्थायी बदलाव लाने में है. प्रोजेक्ट‘सुपोषण-फॉर ए हेल्दी ग्रोईंग नेशन” एक बेहतर भारत विकसित करने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है. हम इस सम्मान और हमारी प्रतिबद्धता को पुष्ट करने के लिए पुरस्कार के आयोजनकर्ताओं को धन्यवाद देते हैं।
अडानी फाउंडेशन ने कॉर्पोरेट सिटिजनशिप (कम्युनिटी रिलेशंस) कैटेगरी के लिए प्रोजेक्ट ‘सुपोषण-फॉर ए हेल्दी ग्रोईंग नेशन” के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था. प्रोजेक्ट सुपोषण को सरकारी योजनाओं की सहायता करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसके द्वारा स्थानीय रूप से सशक्त कम्युनिटी रिसोर्स का निर्माण किया जाता है जिसका उद्देश्य सरकार के साथ काम करना और इसकी योजनाओं को सुलभ (सुनिश्चित करना कि समुदाय में कोई भी छूट न जाये), स्वीकृत (समुदाय को योजना के लाभ समझाना) और अपेक्षित (समुदाय को योजना का लाभ लेने में सशक्त बनाना) बनाना है। नामांकन प्रपत्र दाखिल करने के बाद, प्रविष्टियों को सख्त मूल्यांकन प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ा और इन्हें रेटिंग दी गई. इन नामांकनों को तीन मानदंडों- अर्ली बर्ड, ज्यूरी मूल्यांकन और पॉप्युलर वोट के आधार पर चुना गया।
प्रोजेक्ट सुपोषण को अडानी विल्मर का सहयोग प्राप्त है और इसे अडानी फाडंडेशन ने क्रियान्वित किया है. सुपोषण ने 11 राज्यों के 2 लाख से ज्यादा घरों तक पहुंच बनाई है. भारत के उन चुनिंदा क्षेत्रों में जहां लाइफ साइकल अप्रोच को अपनाया गया है, वहां कुपोषण और रक्तअल्पतता जैसे मुद्दों को सुलझाने के लिये सुपोषण एक कम्युनिटी आधारित पहल है. यह पहल मुख्य रूप से0-5 साल की उम्र के बच्चों, किशोरियों, स्तनपान करा रही मांओं, गर्भवती महिलाओं और प्रजनन की उम्र वाली महिलाओं पर केंद्रित है।
सुपोषण के जरिये, अडानी फाउंडेशन ने सफलतापूर्वक 1.48 मिलियन की आबादी तक पहुंच बनाई है। इसमें 0-5साल के 62,000+ बच्चे, 59,000 से ज्यादा किशोरियां और प्रजनन की उम्र वाली 138,000 से अधिक महिलायें शामिल हैं। 2018 में, 1060 गांवों, 5 वार्डों और 85 शहरी झुग्गियों तक इस प्रोजेक्ट के तहत पहुंच बनाई गई है।
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