जयपुर। शोध कंपनी राउटर्स के अनुसार वर्तमान वर्ष में गेहूं का उत्पादन गत वर्ष के मुकाबले कम रह सकता है। राउटर्स के अनुसार गेहूं उत्पादन के प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के साथ गुजरात के पश्चिमी भाग में आद्रता की कमी और तापमान के बढ़ोतरी के चलते गेहूं के उत्पादन में कमजोरी दर्ज की जा सकती है। किसान अपने खेतों में ट्यूबेल की सहायता से भी पानी की आपूर्ति करने में असमर्थता महसूस कर रहे हैं। जमीन की कमजोर नमी और पानी की कमजोर आपूर्ति के चलते किसान गेहूं बुवाई में अपने आप को असमर्थ देख रहा है। हालांकि इस स्थिति से गेहूं की कीमतों में बढ़त दर्ज की जा रही है और कहीं ना कहीं यही स्थिति किसानों को सांत्वना भी दे रही है कि गेहूं की कीमतें अच्छी है और उन्हें गेहूं बेच कर अच्छा फायदा होगा। गेहूं के प्रमुख उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में जून- सितंबर के दौरान औसत वर्षा से करीबन10% कम वर्षा दर्ज की गई। 30 नवंबर तक देश में 15.3 मिलीयन हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुवाई हुई जबकि गत वर्ष की समान अवधि में देश में 15.7 मिलीयन हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुवाई हुई थी। इसी के चलते गेहूं वायदा में भी तेजी दर्ज की गई और 1700 रुपए प्रति क्विंटल पर कारोबार करने वाला गेहूं वायदा बढ़कर₹2100 प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गया। आने वाले समय में फसल के अनुसार ही गेहूं के भाव रहने के आसार हैं।
जयपुर। शोध कंपनी राउटर्स के अनुसार वर्तमान वर्ष में गेहूं का उत्पादन गत वर्ष के मुकाबले कम रह सकता है। राउटर्स के अनुसार गेहूं उत्पादन के प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के साथ गुजरात के पश्चिमी भाग में आद्रता की कमी और तापमान के बढ़ोतरी के चलते गेहूं के उत्पादन में कमजोरी दर्ज की जा सकती है। किसान अपने खेतों में ट्यूबेल की सहायता से भी पानी की आपूर्ति करने में असमर्थता महसूस कर रहे हैं। जमीन की कमजोर नमी और पानी की कमजोर आपूर्ति के चलते किसान गेहूं बुवाई में अपने आप को असमर्थ देख रहा है। हालांकि इस स्थिति से गेहूं की कीमतों में बढ़त दर्ज की जा रही है और कहीं ना कहीं यही स्थिति किसानों को सांत्वना भी दे रही है कि गेहूं की कीमतें अच्छी है और उन्हें गेहूं बेच कर अच्छा फायदा होगा। गेहूं के प्रमुख उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में जून- सितंबर के दौरान औसत वर्षा से करीबन10% कम वर्षा दर्ज की गई। 30 नवंबर तक देश में 15.3 मिलीयन हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुवाई हुई जबकि गत वर्ष की समान अवधि में देश में 15.7 मिलीयन हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुवाई हुई थी। इसी के चलते गेहूं वायदा में भी तेजी दर्ज की गई और 1700 रुपए प्रति क्विंटल पर कारोबार करने वाला गेहूं वायदा बढ़कर₹2100 प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गया। आने वाले समय में फसल के अनुसार ही गेहूं के भाव रहने के आसार हैं।
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