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Tuesday, March 12, 2019

टाटा मोटर्स ने अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड को 40 इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति शुरू की


Tata Motors deliver 40 Electric buses to Atal Indore City transport services


इंदौर। देश में ई-मोबिलिटी को लेकर अपनी प्रतिबद्धता एक बार फिर दोहराते हुए, भारत का अग्रणी बस ब्रांड 'टाटा मोटर्स' ने लखनऊ (एलसीटीएसएल)  कोलकाता (डब्ल्यूबीटीसी) के बादहाल ही में अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड (एआईसीटीएसएल) को अल्ट्रा 9एम एसी इलेक्ट्रिक बसों की 40 यूनिट्स की आपूर्ति शुरू की। यह आपूर्ति चरणबद्ध तरीके से की जा रही है और अगले दो महीनों में बसें डिलिवर कर दी जायेंगी। मध्य प्रदेश के लिए पहली अल्ट्रा 9/9 एम एसी इलेक्ट्रिक बस को हाल ही में इंदौर में जयवर्द्धन सिंह- शहरी विकास एवं आवासीय कैबिनेट मंत्री,  जीतू पटवारी- मध्‍य प्रदेश में उच्‍च शिक्षा, खेल एवं युवा मामलों के कैबिनेट मंत्री,  आशीष सिंह- इंदौर नगर निगम के आयुक्‍त, संदीप सोनी,सीईओ, अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड (एआइसीटीएसएल) ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर टाटा मोटर्स की गणमान्य हस्तियां भी मौजूद थीं।

टाटा मोटर्स में पैसेंजर कमर्शियल व्हीकल्स विभाग के प्रॉडक्ट लाइन प्रमुख रोहित श्रीवास्तव ने कहा, “टाटा मोटर्स ई-मोबिलिटी के विकास में हमेशा सबसे आगे रहा है और भारत के सबसे स्वच्छ शहर के लिए आपूर्ति का यह ऑर्डर देश में बस सैगमेंट के लिएविशिष्‍ट रूप से निर्मित श्रेणी-में-सर्वश्रेष्ठ समाधान काप्रत्‍यक्ष प्रमाण है। यह ऑर्डर देश में छह एसटीयू को आपूर्ति की जाने वाली 255 ई-बसों का हिस्सा है। एआईसीटीएसएल इन्हीं छह एसटीयू में से एक है।विभिन्‍न बाजारों और ग्राहकों के लिए स्‍थायी परिवहन सुविधा की हमारी गहन समझ ही हमारे प्रतियोगियों से हमें अलग करती है। हम देश में इलेक्ट्रिक व्‍हीकल्स को प्रमोट करने के लिए सरकार के प्रयासों का समर्थन करते हुए वैकल्पिक ईंधन तकनीक विकसित करने और ऊर्जा बचाने में सक्षम वाहन विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

यह बसें टाटा मोटर्स और टाटा मार्कोपोलो के धारवाड़ स्थित प्लांट में बनाई गई है। यह अल्ट्रा इलेक्ट्रिक बसें एक बार चार्ज करने पर 150 किमी की दूरी तय कर सकती है। कंपनी ने बसों को तेजी से चार्ज करने के लिए इंदौर मेन बस डिपो में चार्जिंग स्टेशन भी स्‍थापित किया है। स्वदेशी ढंग से विकसित की गई यह बसें सर्वश्रेष्ठ डिजाइन के साथ आधुनिक फीचर्स से लैस हैं। इन बसों की छतों पर ली-आयन बैटरियां रखी जाती हैं, जिससे यह रास्ते में पानी भरा होने के कारण खराब न हो जाए। तापमान को आदर्श स्थिति में बनाए रखने के लिए इन बैटरियों को लिक्विड-कूल किया जाता है, जिससे उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में इन बसों की लंबी जिंदगी और अच्छी परफॉर्मेंस सुनिश्चित होती है।

टाटा मोटर्स के सीवीबीयू में हेड इंजीनियरिंग (इलेक्ट्रिक एंड डिफेंस) के डॉ. ए. के. जिंदल ने कहाटाटा मोटर्स पिछले दशक से मिश्रित या पूर्ण रूप से इलेक्ट्रिक वाहन के लिए एडवांस इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन सिस्टम के विकास में जुटा है। अल्ट्रा इलेक्ट्रिक बसें एक नया मॉड्यूलर प्लेटफॉर्म है, जिसे एक साल से भी कम समय में विकसित किया गया है। इन बसों के विकास में हमने लंबे समय से ज्ञान और अनुभव का लाभ उठाया है। इस तरह हमने भारत सरकार के नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को व्यक्त किया है। टाटा मोटर्स की इनहाउस इंजीनियरिंग टीम ने इस प्लेटफॉर्म के आर्किटेक्चर को जन्म दिया है और विकसित किया है। यह अलग-अलग स्‍टेट ट्रांसपोर्ट निगमों की ओर से जमा किए गए टेंडर की आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। बसों का बाहरी लुक हमारी नई ब्रांड पहचान के साथ डिजाइन किया गया है, जिसमें स्टाइलिश अल्ट्रा हेडलैंप और जबर्दस्त लुक शामिल है। वाहन का आर्किटेक्चर कम ऊर्जा की खपत और संचालन की कम लागत (टीसीओ) के साथ शून्य उत्सर्जन के साथ पर्यावरण के अनुकूल बस मुहैया कराना सुनिश्चित करता है।

अल्ट्रा इलेक्ट्रिक बसें वातानुकूलित हैं, इनमें आधुनिक इंटीरियर और 31 यात्रियों के लिए आरामदायक सीटें हैं। उद्योग में पहली बार दी जाने वाली सुविधा के रूप में, इनमें यात्रियों के सफर को और भी आरामदायक बनाने के लिए आगे और पीछे दोनों एक्सल के लिए एयर सस्पेंशन होगा। 333एचपी के पीक पावर के साथ इसका एकीकृत इलेक्ट्रिक मोटर जनरेटर 197एचपी की ताकत दे सकता है। यह खूबी भीड़भाड़ वाली सड़कों पर सहजतापूर्ण ड्राइविंग के साथ ही यह भी सुनिश्चित करती है कि बार-बार स्टार्ट-स्टॉप करने के लिए गियर बदलने की जरूरत न हो। इसके बेहद अहम इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन घटक संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी और चीन के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाने-माने अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ आपूर्तिकर्ताओं से मंगाए गए हैं, जो प्रमाणिक उत्पाद मुहैया कराते हैं। टाटा मोटर्स ने हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, असम और महाराष्ट्र सहित विभिन्न प्रदेशों में इन बसों को आजमाया और इनकी तस्दीक की है, ताकि ड्राइवरों के इलाकों में इनके प्रदर्शन को साबित किया जा सके। इन बसों को टाटा मोटर्स की ओर से जांचा-परखा और प्रमाणित किया गया है, जिनमें हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, असम और महाराष्ट्र के अलग-अलग भागों में इसकी परफॉर्मेंस को टेस्ट किया गया है।

कंपनी के पास 6 पब्लिक ट्रांसपोर्ट उपक्रमों को 255 इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति करने के टेंडर हैं, जिसमें डब्ल्यूबीटीसी (पश्चिम बंगाल), एलसीटीएसएल (लखनऊ), एआईसीटीएसएल( इंदौर), एएसटीसी (गुवाहाटी), जेएंडकेएसआरटीसी (जम्मू) और जेसीटीएसएल (जयपुर)  शामिल हैं। इनके अलावा,कंपनी निकट भविष्य में अपने इलेक्ट्रिक मिनी-बस सेगमेंट के विकास पर भी काम कर रही है।

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