बैंगलोर, अगस्त 2019 : स्थानीय समुदाय के गरीब और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के बच्चों की शिक्षा को बेहतर करने के लिए टीकेएम की पहल को और मजबूत करते हुए टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) के कर्मचारियों ने एक सामूहिक गविविधि चलाने की पेशकश की है ताकि स्कूल के बेंच और शैक्षिक बोर्ड गेम बनाने में सहायता की जा सके। ये गेम इस तरह डिजाइन किए गए हैं कि बच्चों में विश्लेषणात्मक और रचनात्मक कौशल का विकास किया जाए जिससे उनकी शैक्षिक कुशलता के साथ उनका संपूर्ण विकास हो।
‘आईकेयर’ – कर्मचारी की स्वैच्छिक पहल है और समाज के निरंतर विकास की दिशा में कंपनी की प्रतिबद्धता के क्रम में एक प्रयास है। यह अभियान सक्रियता से कर्मचारियों को जोड़ता है और भिन्न सामाजिक मुद्दों पर उनकी समझ निखारने के लक्ष्य पर काम करता है और इन आवश्यकताओं की पूर्ति में योगदान करता है जो टीकेएम के सीएसआर ढांचे के अनुकूल हैं।
आईकेयर के तहत यह टोयोटा के कर्मचारियों द्वारा स्वेच्छा से काम करने का नौवां मामला है जो उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के थीम पर केंद्रित है। समाज को वापस देने के अहम मूल्य के रूप में कर्मचारियों ने मिलकर बेंच / स्टूल और शैक्षिक बोर्ड गेम बनवाए हैं। ये गेम और बेन्च रामनगर जिले के सरकारी स्कूलों को दिए जाएंगे और इसे मौजदा सीएसआर पहल के तहत टीकेएम द्वारा समर्थन दिया जाएगा।
स्वेच्छा से काम करने का टीकेएम का कार्यक्रम “आईकेयर” नवंबर 2017 में शुरू होने के बाद से काफी मजबूत हुआ है। स्वयंसेवकों ने भिन्न विषयों जैसे शिक्षा, पर्यावरण और सड़क सुरक्षा से संबंधित सामाजिक मुद्दों को संबोधित किया है और इस तरह लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। इस पहल के तहत, टोयोटा और इसके कर्मचारियों ने 140 साल पुराने सरकारी स्कूल की दीवारों को रंग दिया और गरुरड़ मॉल में एक नाटक का आयोजन किया ताकि आम जनता के बीच पर्यावरण से संबंधित मौजूदा मामलों जैसे झील को दुरुस्त करना, वनीकरण, ठोस कूड़े का प्रबंध आदि के प्रति जागरूकता पैदा की जा सके। यही नहीं, उड़ीशा में आए समुद्री तूफान फनी के मौके पर भी प्रभावित परिवारों को राहत मुहैया कराया गया।
ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेने वाले स्वयंसेवकों में से एक, मंजूनाथ आर नायक ने कहा, “मुझे खुशी है कि टीकेएम ने हमें एक मंच मुहैया कराया है ताकि हम ऐसे नेक उद्देश्यों के लिए योगदान कर सकें। इससे गर्व की एक भावना और सब कुछ पूरा होने की एक भावना का विकास होता है जिससे हम समाज के प्रति अपने ढंग से योगदान कर सकते हैं। समाज निर्माण की ऐसी पहल के लिए साथ के लोगों और सहकर्मियों का एकजुट होना और उन्हें एक साथ देखना सुखद है।”
एक अन्य स्वयंसेवक जी केशवा ने आईकेयर के तकरीबन सभी कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है। उन्होंने कहा, “यह कर्मचारियों के लिए स्वेच्छा से काम करने का अच्छा मौका है जिससे हम समाज की सेवा कर सकते हैं। इससे ना सिर्फ हमारा नैतिक बल बढ़ता है बल्कि कर्मचारियों को भी समाज में बदलाव लाने की दिशा में एक सकारात्मक आदर्श की भूमिका में होने का मौका मिलता है। इससे परिवारों को कार्यस्थल, साथी कामगारों और अच्छी कॉरपोरेट नागरिकता के महत्व के बारे में शिक्षित करने में सहायता मिलती है।”
इस पहल पर अपने विचार साझा करते हुए टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वाइस प्रेसिडेंट नवीन सोनी ने कहा, “पहले ही हस्तक्षेप के लिए हमलोग स्थानीय समुदाय के लगातार समग्र और स्थायी विकास के लिए प्रयास करते रहे हैं। टीकेएम का मानना है कि बच्चों के विकास पर ध्यान देकर हमें उस दिशा में आगे बढ़ने में सहायता मिलेगी जहां बच्चे कल के बदलाव लाने वालों की तरह काम करते हैं। आईकेयर कर्मचारियों का स्वेचाछा से काम करने का एक अनूठा कार्यक्रम है। जहां हम अपने कर्मचारियों को महत्वपूर्ण सामाजिक मामलों से निपटने में लगाते रहे हैं। इसके तहत वे ढेर सारी गतिविधियों में भाग लेते हैं जैसे स्वास्थ्य शिविर, स्कूलों का सुंदरीकरण, अनाथ बच्चों के लिए खाना पकाना, पर्यावरण संरक्षण आदि।
प्रत्येक आईकेयर गतिविधि में हम अपने कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों की सामुदायिक प्रतिनिधि के रूप में सक्रिय भागीदारी को देखकर खुश हैं। यह प्लैटफॉर्म टोयोटा परिवार के बीच संबंध बनाने में सहायता करता है और कर्मचारियों को इस योग्य बनाता है कि वे समाज के समृद्ध होते जीवन के प्रति कंपनी की कटिबद्धता को समज सकें।
उन्होंने आगे कहा, हमारा लक्ष्य गांवों के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की संख्या कम करने में अच्छा खासा योगदान करना है। इसके लिए हम निरंतर प्रयास करते हैं और सीखने के सहायक मुहैया कराते हैं और साथ ही कक्षा के माहौल को मजेदार और दिलचस्प बनाते हैं।”
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने इतने वर्षों कई स्थायी परियोजनाओं की शुरुआत की है ताकि देश में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा तक पहुंच को गति मिले। मई 2017 में कंपनी ने कई सरकारी स्कूलों का पुनर्निर्माण किया है। ये मैसूर जिले के यंदहल्ली और कुपया गावों और रामनगर जिले के दयावलिंगनपालय और थलगुप्पे गांवों में हैं। इससे 95 बच्चों को लाभ हुआ है जो पहले से पांचवें ग्रेड में हैं। यही नहीं कंपनी ने आयरमंगला में आश्रम स्कूल, मेदनाहल्ली में एलपीएस स्कूल और हसाडोड्डी में आश्रम स्कूल का निर्माण किया है।
भारत में लड़कियों को सैनिटेशन की साफ सुविधा मुहैया कराने के सरकार के राष्ट्रीय अभियान के तहत टोयोटा ने स्वच्छ भारत – स्वच्छ विद्यालय का समर्थन करने का प्रण किया है। इसके तहत चिन्हित स्कूलों में सैनिटेशन सुविधाओं का निर्माण किया गया है और यचे देश भर में तीन स्थानों पर हैं। कंपनी ने रामनगर जिले के 257 स्कूलों में 588 यूनिट सैनिटेशन सुविधाओं का निर्माण किया है। इसी तरह, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) और वैशाली (बिहार) के जिलों के 28 स्कूलों में 218 यूनिट का निर्माण हुआ।
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