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Saturday, October 19, 2019

संपत्ति निर्माण एवं कर बचत के दोहरे लाभ मिलेंगे ईएलएसएस स्कीम से




जयपुर। एक अन्य वित्त वर्ष समाप्त होने को है, और अधिकांश करदाता चीजों को क्रमवार रखने को लेकर घबराहट की स्थिति में होंगे। हो सकता है कि वो अपने वित्तीय सलाहकार या चार्टर्ड एकाउंटेंट्स से मिलने की भी योजना बना रहे हों, ताकि वो कर के बोझ को कम करने और टैक्स लोड को न्यूनतम करने के विभिन्न तरीकों के बारे में जान सकें। आप सचमुच कर के बोझ को कम कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए सरकार द्वारा स्वीकार्य विभिन्न निवेश विकल्पों को उपयोग में लाना होगा। और इसके लिए सबसे आशाजनक विकल्प है - इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस)।
ईएलएसएस फंड्स, म्युचुअल फंड प्रोडक्ट बास्केट की एक श्रेणी है जिसकी मदद से निवेशक निवेश करके कई लाभ उठा सकते हैं। ईएलएसएस म्युचुअल फंड्स को उनके द्वारा प्रदत्त विभिन्न लाभों के लिए सबसे अच्छी तरह जाना जाता है। आगे, इक्विटी सिक्योरिटीज में निवेश के फायदे भी इसमें जुड़े हुए हैं। अधिकांश लोग उनकी तुलना कर लाभ प्रदान करने वाले अन्य उपकरणों जैसे-पीपीएफ, एनएससी, एफडी आदि से करते हैं, जिसका प्राथमिक कारण एक ही तरह का कर लाभ प्रदान करना है। लेकिन यदि आप ईएलएसएस द्वारा प्रदत्त विंिभन्न कर लाभों की तुलना अन्य कर उपकरणों से करें, तो आप पायेंगे कि ईएलएसएस सबसे ऊपर है। जहां ईएलएसएस प्रत्येक वित्त वर्ष में कुल कर-योग्य आय पर 1.50 लाख रु. तक की कटौती में सक्षम बनाता है, वहीं यह संपत्ति निर्माण का असाधारण रूप से बेहतरीन लाभ भी प्रदान करता है, जिससे व्यक्ति की भावी आवश्यकताएं पूरी हो सकें या उनके भविष्य के लक्ष्य हासिल हो सकें। ईएलएसएस की लॉक-इन अवधि मात्र 3 वर्ष है, जो कि अन्य परंपरागत कर-बचत विकल्पों की तुलना में सबसे कम है। यह लॉक-इन अवधि अल्पकालिक रूप से बाजारी अस्थिरता के जोखिम को कम करती है; और इस प्रकार दीर्घकालिक संपत्ति निर्माण सुनिश्चित करती है। इसका मतलब है कि इसके जरिए एक तीर से कई शिकार कई जा सकते हैं अर्थात एक निवेश से कई लाभ हासिल किये जा सकते हैं
यूटीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड (टैक्स सेविंग) एक ऐसी ही पेशकश है जो दिसंबर 1999 से अपने निवेशकों के लिए संपत्ति निर्माण कर रही है। यह फंड इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम) है, जो इक्विटी में निवेश कर एवं कर की बचत कर दोहरे लाभ का स्वस्थ रिटर्न प्रदान करता है। 30 सितंबर, 2019 के आंकड़ों के अनुसार, इस फंड की प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति (एयूएम) 1200 करोड़ रु. है, और इसके इकाई खाताधारक 1.70 लाख से अधिक हैं। यह फंड उन व्यवसायों में निवेश करने का प्रयास करता है जिनका रिटेर्न अनुपात, नकद प्रवाह स्वस्थ है और जो अच्छे प्रबंधकों द्व़ारा प्रबंधित हैं। इस फंड का उद्देश्य बेहतरीन जोखिम-समायोजित रिटर्न प्रदान करना है।
यह फंड विभिन्न बाजार पूंजीकरणों में निवेश करता है। सामान्य परिस्थितियों में, यह फंड 50 प्रतिशत से 65 प्रतिशत हिस्से का निवेश बड़े पूंजीकरण वाले स्टॉक्स में करता है और शेष मझोले एवं छोटे पूंजीकरणों वाले स्टॉक्स में करता है। स्कीम की शीर्ष धारकों में आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, इंफोसिस लिमिटेड, एक्सिस बैंक लिमिटेड, आईटीसी लिमिटेड, इंडसइंड बैंक, मारुति सुजुकि इंडिया लिमिटेड, मुथूट फाइनेंस लिमिटेड और गुजरात गैस लिमिटेड शामिल हैं, जिनमें पोर्टफोलियो की 42 प्रतिशत राशि निवेशित है।
यह फंड विविध स्टाइल एवं एकीकृत शोध प्रक्रिया पर आधारित पोर्टफोलियो के भीतर जोखिम-रिटर्न की उपयुक्त मात्रा स्थापित करता है। यह फंड विविधीकरण पर जोर देते हुए लगातार रिटर्न्स प्रदान करने की कोशिश करता है, ताकि बाजार की तरलता का कोई प्रभाव न पड़े।
यूटीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड (टैक्स सेविंग) उन निवेशकों के लिए एक उपयुक्त फंड है, जो अल्फा जेनरेशन की अपेक्षतया बेहतर संभावनाएं चाहते हैं या बड़ी पूंजीकरण आधारित फंड्स की तुलना में बेहतर प्रदर्शन चाहते हैं। चूंकि इस फंड की लॉक-इन अवधि 3 वर्ष है इसलिए यह पोर्टफोलियो के अधिक लंबी निवेश अवधि प्रदान करता है। इस प्रकार, यह बेहतर जोखिम-समायोजित रिटर्न्स की संभावना को बढ़ाता है। आगे, इस फंड में 1.50 लाख रु. तक का निवेश आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत कर-लाभ हेतु पात्र है।

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