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Thursday, February 13, 2020

आईडीबीआई ने 12 तिमाहियों के बाद कर-पूर्व मुनाफा दर्ज कराया


IDBI Bank Registers Profit Before Tax After 12 Quarters



मुंबई, आईडीबीआई बैंक लिमिटेड (आईडीबीआई बैंक) के निदेशक मंडल की मुंबई बैठक हुई और उन्होंने 31 दिसंबर, 2019 को समाप्त तिमाही और 9 महीने के वित्तीय परिणामों को अनुमोदित किया।
लाभदेयता
वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही के कर-पूर्व मुनाफा में ₹756 करोड़ का सुधार, जो कि वर्ष 2019 की तीसरी तिमाही में ₹5,805 करोड़ रु. था।
वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही का परिचालन मुनाफा 76 प्रतिशत बढ़कर ₹1,278 करोड़ रु. हुआ, जबकि वर्ष 2019 की तीसरी तिमाही में यह ₹725 करोड़ था।
तिमाही के दौरान, बैंक ने कम कर दर का विकल्प अपनाया और ₹6,273 करोड़ हो गया। इस एक बार के अतिरिक्त हिट को छोड़ देने पर, बैंक ने ₹418 करोड़ का शुद्ध मुनाफा दर्ज कराया होता, जबकि चालू तिमाही के लिए ₹5,763 करोड़ का शुद्ध नुकसान हुआ।
वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही में शुद्ध ब्याजीय आय 13 प्रतिशत बढ़कर ₹1,532 करोड़ हो गयी, जबकि वर्ष 2019 की तीसरी तिमाही में यह ₹1,357 करोड़ रही।
वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही में शुद्ध ब्याजीय मार्जिन 39 आधार अंक बढ़कर 2.27 प्रतिशत हो गयी, जबकि वर्ष 2019 की तीसरी तिमाही में यह 1.88 प्रतिशत रही।
वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही में शुद्ध हानि ₹5,763 करोड़ दर्ज की गई, जबकि वर्ष 2019 की तीसरी तिमाही यह ₹4,185 करोड़ दर्ज की गयी थी, इसका मुख्य कारण बैंक द्वारा कम कर के विकल्प का चुनाव किया जाना था, जिससे डीटीए का वन टाइम रिवर्सल हुआ।
वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही में जमा की लागत 51 आधार अंक बढ़कर 5.02 प्रतिशत हो गयी, जबकि वर्ष 2019 की तीसरी तिमाही में यह 5.53 प्रतिशत था।
कुल आय और शुद्ध ब्याजीय आय का अनुपात वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही में 20.57 प्रतिशत रहा, जो कि वर्ष 2019 की तीसरी तिमाही में 11.28 प्रतिशत था।
वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही में लागत और शुद्ध आय का अनुपात 54.54 प्रतिशत रहा, जबकि वर्ष-2019 की तीसरी तिमाही में यह 64.71 प्रतिशत था।
बिजनेस
31 दिसंबर, 2019 के आंकड़ों के अनुसार, कासा जमा एक ट्रिलियन को पार कर गया और यह ₹1,03,966 करोड़ रहा, जबकि 31 दिसंबर, 2018 के आंकड़ों के अनुसार ₹88,206 करोड़ रु. था; इस प्रकार इसमें 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
31 दिसंबर, 2019 के आंकड़ों के अनुसार कुल जमा में कासा के हिस्सा में 47.65 प्रतिशत का सुधार हुआ, जबकि 31 दिसंबर, 2018 के आंकड़ों के अनुसार यह 38.36 प्रतिशत था।
कॉर्पोरेट बनाम रिटेल में अग्रिम पोर्टफोलियो की संरचना को 31 दिसंबर, 2019 को 45ः55 पुनर्संरेखित किया गया, जबकि 31 दिसंबर, 2018 को यह 52ः48 रहा।
31 दिसंबर, 2019 को संरचित रिटेल एस्सेट्स पोर्टफोलियो ₹7,335 करोड़ बढ़कर ₹58,006 करोड़ हो गया, जबकि 31 दिसंबर, 2018 को यह ₹50,671 करोड़ था।
परिसंपत्ति गुणवत्ता
31 दिसंबर, 2019 के आंकड़ों के अनुसार, सकल एनपीए अनुपात सुधरकर 28.72 प्रतिशत हो गया, जबकि 31 दिसंबर, 2018 यह 29.67 प्रतिशत रहा और 30 सितंबर, 2019 को 29.43 प्रतिशत रहा।
31 दिसंबर, 2019 को शुद्ध एनपीए अनुपात सुधरकर 5.25 प्रतिशत रहा, जबकि 31 दिसंबर, 2018 को यह 14.01 प्रतिशत रहा और 30 सितंबर, 2019 को 5.97 प्रतिशत रही।
31 दिसंबर, 2019 को शुद्ध एनपीए घटकर ₹6,805 करोड़ हो गया, जबकि 31 दिसंबर, 2018 को यह ₹21,360 करोड़ और 30 सितंबर, 2019 को ₹7,919 करोड़ रहा।
31 दिसंबर, 2019 को प्रोविजन कवरेज अनुपात (टेक्निकल राइट-ऑफ सहित) सुधरकर 92.41 प्रतिशत हुआ, जबकि यह 31 दिसंबर, 2018 को 75.21 प्रतिशत और 30 सितंबर, 2019 को 91.25 प्रतिशत रहा।
वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही में फर्स्ट टाइम एनपीए घटकर ₹2,113 करोड़ हो गया, जबकि यह वर्ष 2019 की तीसरी तिमाही ₹2,211 करोड़ और वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में 91.25 प्रतिशत रहा।
वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही में एनपीए से रिकवरी ₹3,136 करोड़ की थी।
वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही में क्रेडिट कॉस्ट 242 आधार अंकर घटकर 0.45 प्रतिशत हो गया है, जबकि वर्ष 2019 की तीसरी तिमाही में यह 2.87 प्रतिशत था।
बैंक ने आरओए के छोड़कर सभी पीसीए मानदंडों को हासिल किया है।
पूंजी
31 दिसंबर, 2019 को टायर 1 पूंजी और सीआरएआर क्रमशः 10.16 प्रतिशत और 12.56 प्रतिशत रहा, जबकि 31 दिसंबर, 2018 को क्रमशः 9.68 प्रतिशत व 12.51 प्रतिशत था।
31 दिसंबर, 2019 को रिस्ट वेटेड एसेट्स (आरडब्ल्यूए) 13.25 प्रतिशत घटकर ₹1,65,213 करोड़ हो गया, जबकि 31 दिसंबर, 2018 को यह ₹1,90,456 करोड़ था।   
आईडीबीआई-एलआईसी सहक्रियाएं - कारोबारी संभावनाएं और कार्य योजना
नकद, आईडीबीआई चेक, मर्चेंट इनवॉयसेज (नकद में), इंटरनेट बैंकिंग और बैंक के पीओएस टर्मिनल्स के जरिए एलआईसी रिन्यूअल प्रीमियम संग्रह किया जा सकता है।
यूपीआई गेटवे के जरिए रिन्यूअल प्रीमियम भुगतान संभव हो गया है
प्रीमियम संग्रह के लिए एलआईसी के कम-से-कम दो मैश सेंटर्स को एसीएच डेबिट सुविधा उपलब्ध कराया जाना
नवंबर 2019 में गिफ्ट कार्ड्स, कैश कार्ड्स एवं क्रेडिट कार्ड्स की को-ब्रांडिंग शुरू हुई।


सितंबर - दिसंबर 2019 के बीच महत्वपूर्ण प्रगति
आईडीबीआई बैंक को 18 अक्टूबर, 2019 को पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॅरिटी (पीएफआरडीए) द्वारा आयोजित रिवार्ड्स एवं रिकॉग्निशन प्रोग्राम में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए एपीवाई प्राइम चैंपियन कप एंड एपीवाई फॉर्मेशन डे के अंतर्गत प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
बैंक ने 01 अक्टूबर, 2019 को बैंक के स्थापना दिवस के अवसर पर धरावी कला किला म्युनिसिपल स्कूल, मुंबई को 25 पीसी दानस्वरूप दिया। सरकार के डिजिटल इंडिया के अभियान के अनुरूप, आईडीबीआई बैंक की इस पहल से सुनिश्चित हो सकेगा कि स्कूल के सभी छात्रों के लिए ई-लर्निंग की सुविधा उपलब्ध हो, और इस प्रकार, वो आधुनिक शिक्षा तकनीकों से स्वयं को जोड़ सकें।
आईडीबीआई बैंक को करेंसी डेरिवेटिव्स सेगमेंट (बैंक्स) 2018-19 में शीर्ष योगदानकर्ताओं में से एक होने के लिए बीएसई की ओर से सम्मानित किया गया।
आईडीबीआई बैंक ने ‘आईडीबीआई-एलआईसी कैश कार्ड’ लॉन्च किया, जिसमें भारतीय जीवन बीमा निगम के सभी अधिकारियों को प्रीपेड कार्ड में उनके गैर-वैतनिक भत्ते प्राप्त होंगे। उक्त प्रीपेड कार्ड में नकद निकासी सहित कई अन्य अतिरिक्त खूबियां भी हैं।


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