जयपुर। कॉटन वायदा मई के ₹16450 के नीचे ही कारोबार करने की संभावना अधिक है। कोरोना वायरस महामारी के चलते धागा निर्माता कॉटन को प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं और उनका मानना है कि अब कॉटन धागे के अंतरराष्ट्रीय मांग भी बुरी तरीके से प्रभावित हुई है। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के चलते धागा कपड़ा निर्माण गतिविधियां बिल्कुल नहीं हो रही है और इन इकाइयों में श्रमिकों की भी कमी है। वहीं कपास के निर्यात की संभावना भी काफी कम है। चीन, इंडोनेशिया, वियतनाम और बांग्लादेश की स्पिनिंग मिले 30 से 40% की क्षमता पर निर्माण कार्य कर रही है। हालांकि 3 मई को अगर लॉक डाउन खुलता है तो स्पिनिंग मिले खुलने से कपास की कीमतों को सहारा मिल सकता है। एमसीएक्स पर कॉटन के लॉन्ग टर्म चार्ट को देखने पर पता चलता है कि वर्ष 2012 व 2015 में कॉटन के वायदा में 14500 से 15000 तक के लेवल आए थे। ऐसे में वर्तमान स्तर पर कुछ गिरावट आने की संभावना अभी भी बाकी है वही 15000 के आसपास होटल मैदान में बड़ी रिकवरी भी देखी जा सकती है।
अगर लोग डाउन खुलने से देश की स्पिनिंग मिल्स फिर से शुरू होती है तो कॉटन वायदा में तेजी देखी जा सकती है। 2018 में 24000 के स्तर से कॉटन वायदा लगातार गिर रहा है और 16000 तक आ चुका है ऐसे में अभी कुछ मंदी और दिख रही है लेकिन इसमें स्टॉप लॉस के साथ कारोबार करना चाहिए।
नोट- निवेशकों को वायदा कारोबार में कारोबार करने से पूर्व पंजीकृत निवेश सलाहकारों की सलाह लेनी चाहिए।
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