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Sunday, April 12, 2020

वाणिज्य विभाग ने निर्यातकों के लिए विभिन्न अनुपालनों की समय सीमा बढ़ाई



DEPARTMENT OF COMMERCE HAS PROVIDED A NUMBER OF RELAXATIONS / EXTENSIONS OF VARIOUS COMPLIANCE DEADLINES ETC. TO ADDRESS CORONA PANDEMIC RELATED HARDSHIPS OF EXPORTERS


नई दिल्ली। नोवल कोरोना वायरस महामारी से उत्‍पन्‍न विभिन्‍न तरह की समस्‍याओं के मद्देनजर कारोबारियों और प्रभावित व्यक्तियों को राहत देने के लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग ने अपनी योजनाओं और कार्यकलापों के तहत अनिवार्य अनुपालनों की समयसीमा बढ़ा दी है। वाणिज्य विभाग ने इसके अलावा भी कई तरह की रियायतें दी हैं। वाणिज्य विभाग से संबंधित प्रमुख रियायतें इस प्रकार हैं: 
ए. डीजीएफटी द्वारा विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2015-20 के तहत दी गई सहूलियत
1. एफटीपी अब 31 मार्च 2020 के बाद भी मान्‍य: विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2015-2020 और प्रक्रियाओं की पुस्तिका (एचबीपी), जो पहले 31 मार्च 2020 तक मान्‍य थी, की वैधता को अब एक साल यानी 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है।
2. अग्रिम अधिकृतता और ईपीसीजी अधिकृतता : निर्यात दायित्व अवधि इत्‍यादि का विस्तार
(i) उन अग्रिम अधिकृतता और ईपीसीजी अधिकृतता, जिनकी विस्तारित निर्यात दायित्व अवधि या तो समाप्त हो गई है या 1 फरवरी, 2020 से लेकर 31 जुलाई, 2020 के बीच समाप्त हो रही है, के संबंध में निर्यात दायित्व अवधि को उसकी समाप्ति की तारीख से लेकर छह माह और बढ़ा दिया गया है।
(ii) उन अग्रिम अधिकृतता और ईपीसीजी अधिकृतता, जिनकी आयात दायित्व अवधि या तो समाप्त हो गई है या 1 फरवरी, 2020 से लेकर 31 जुलाई, 2020 के बीच समाप्त हो रही है, के संबंध में आयात दायित्व अवधि को उसकी समाप्ति की तारीख से लेकर छह माह और बढ़ा दिया गया है।
(iii) उन ईपीसीजी अधिकृतता, जहां ब्लॉक-वार निर्यात दायित्व को पूरा करने के लिए ब्लॉक अवधि या तो समाप्त हो गई है या 1 फरवरी, 2020 से लेकर 31 जुलाई, 2020 के बीच समाप्त हो रही है, के संबंध में ब्लॉक अवधि को उसकी समाप्ति की तारीख से लेकर छह माह और बढ़ा दिया गया है।
(iv) उन ईपीसीजी अधिकृतता, जहां संबंधित आरए के समक्ष स्थापना प्रमाणपत्र पेश करने की अवधि या तो समाप्त हो गई है या 1 फरवरी, 2020 से लेकर 31 जुलाई, 2020 के बीच समाप्त हो रही है, के संबंध में समयावधि को उसकी समाप्ति की तारीख से लेकर छह माह और बढ़ा दिया गया है।
पंजीकरण सह सदस्यता प्रमाणपत्र (आरसीएमसी) की वैधता का समय विस्तार 31 मार्च, 2020 के बाद भी: यह निर्णय लिया गया है कि डीजीएफटी के क्षेत्रीय प्राधिकरण (आरए) किसी भी प्रोत्साहन/अधिकृतता के लिए आवेदकों से 30 सितंबर, 2020 तक वैध आरसीएमसी (ऐसे मामलों में जहां समयावधि 31 मार्च, 2020 को या उससे पहले ही समाप्त हो गई है) देने की मांग नहीं करेंगे।
4. भारत से सेवा निर्यात योजना (एसईआईएस): एसईआईएस के तहत वार्षिक दावों को दाखिल करने की अंतिम तिथि दरअसल दावा अवधि के संबंधित वित्त वर्ष की समाप्ति के बाद 12 माह तक है। यह तिथि वर्ष 2018-19 के दावों के लिए 31 मार्च 2020 को समाप्त हो रही है, जिसे 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है।
5. भारत से वाणिज्यिक निर्यात योजना (एमईआईएस): एमईआईएस दावों को दाखिल करने की अंतिम तिथि प्रत्येक शिपिंग बिल के लेट एक्सपोर्ट ऑर्डर (एलईओ) की तिथि से लेकर 1 वर्ष तथा लेट कट (आवदेन अंतिम तिथि के बाद मिलना) लागू होने पर उसके बाद 2 वर्ष और है। सभी शिपिंग बिलों के लिए लेट कट के बिना एमईआईएस दावों को दाखिल करने की अंतिम तिथि, जिनके लिए प्रारंभिक एक वर्ष की अवधि समाप्त हो गई है/1 फरवरी 2020 को या उसके बाद और 31 मई 2020 को या उससे पहले समाप्त हो जाएगी, को प्रारंभिक एक वर्ष की अवधि की समाप्ति तिथि के बाद 3 माह आगे बढ़ा दिया गया है।
6. राज्य और केंद्रीय करों एवं शुल्कों (आरओएससीटीएल) की छूट: 7 मार्च से लेकर 31 दिसंबर, 2019 के बीच के निर्यात लदान (एक्सपोर्ट शिपमेंट) के लिए आरओएससीटीएल दावे दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 जून 2020 है, जिसे 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है।
7. स्टैटस होल्डर: किसी आईईसी होल्‍डर (धारक) को एफटीपी 2015-20 के तहत जारी किए गए सभी स्टैटस सर्टिफिकेट की वैधता अवधि को 31 मार्च, 2021 तक बढ़ा दिया गया है।

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