जयपुर। कोरोनावायरस से घरेलू ही नहीं अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था भी कमजोरी के भयंकर दौर से गुजर रही है। वहीं इसके चलते निर्माण एवं कारोबारी गतिविधियों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इन परिस्थितियों के चलते कैस्टर सीड ऑयल के निर्यात में भारी गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2018-19 में देश से 5.7 लाख टन कैस्टर सीड ऑयल का निर्यात हुआ था जो कि घटकर 5 लाख टन के स्तर से भी नीचे आ चुका है। वर्तमान वित्त वर्ष में कैस्टर ऑयल के निर्यात आंकड़े उत्साहजनक नहीं है। यह तथ्य हर्षित करता है कि भारत दुनिया में कैस्टर उत्पादित करने वाला सबसे बड़ा उत्पादक राष्ट्र है और इसके साथ ही भारत अंतरराष्ट्रीय बाजार में कैस्टर ऑयल का सबसे बड़ा निर्यातक राष्ट्र है।
इससे पता चलता है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत ने कैस्टर ऑयल के मामले में एकाधिकार स्थापित किया है। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार अप्रैल माह में कैस्टर ऑयल का निर्यात मार्च माह के मुकाबले 2.5 फिर से गिरकर 30,000 टन रहा है। इसी प्रकार आशंका है कि मई माह में भी कैस्टर ऑयल का निर्यात घटेगा। बाजार जानकारों का मानना है कि पिछले माह के मुकाबले मई माह में कैस्टर ऑयल का निर्यात करीब 50% तक घट सकता है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन के अनुसार कैस्टर ऑयल के निर्यात में कमी वैश्विक स्तर पर ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी के कारण आ रही है।
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