जयपुर। राजस्थान राज्य सरकार द्वारा मंडियों में आने वाली उपज पर लगाई गई 2% अतिरिक्त किसान कल्याण फीस के संबंध में आम सभा (दूरभाष संपर्क) पर आयोजित की गई । इस आम सभा में सभी मंडियों के प्रतिनिधियों के अलावा तेल, आटा, दाल और मसाला उद्योग के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। आम सभा में सरकार के इस निर्णय का विरोध किया गया। गौरतलब है कि राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ पहले से ही मंडी शुल्क की दरों को कम करने की मांग करता आ रहा है। संघ के अनुसार राज्य सरकार का यह कदम मंडी व्यापार के लिए घातक साबित होगा और इससे मंडी व्यापार अन्य लोगों के हाथों में चला जाएगा।
प्रतिनिधियों का मानना है कि सरकार को स्वयं के स्तर पर ही किसान कल्याण कोष की स्थापना करनी चाहिए थी। सदस्यों के अनुसार मध्यप्रदेश और गुजरात में मंडी सेस कम होने से प्रदेश का मंडी कारोबार प्रभावित होता है। आम सभा में मंडी कारोबार के साथ कम पैसा मिलने से किसानों के हित प्रभावित होने और उद्योगों पर विपरीत प्रभाव पड़ने की बात भी कही गई। आम सभा में प्रदेश के सभी 247 मंडियों के साथ, खाद्य पदार्थ के व्यापारियों और आढ़तियों ने कारोबार को 5 दिनों तक बंद करने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया। सिर्फ एफसीआई को गेहूं तुलाई करने वाले व्यापारी ही मंडी में कारोबार करेंगे। संघ के अनुसार अगर सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेती है तो व्यापारी अनिश्चितकालीन के लिए कारोबार बंद करेंगे। इस संबंध में अगली आम सभा का आयोजन रविवार सुबह 11:00 बजे होगा।
No comments:
Post a Comment