खरीफ की अनुमानित बीज खपत 8.70 लाख क्विण्टल के मुकाबले 9 लाख क्विण्टल से अधिक बीज उपलब्ध
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रदेश में गेहूं, सरसों एवं चना की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के तय लक्ष्यों को हर हाल में हासिल किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने तथा एमएसपी पर खरीद की प्रक्रिया को गति देने के लिए राज्य सरकार ने 1500 से अधिक प्रसंस्करण इकाइयों को किसानों से सीधी खरीद करने की अनुमति दी है। साथ ही 592 सहकारी समितियों को निजी गौण मण्डी के रूप में अधिसूचित किया है। इसके अलावा राजस्थान राज्य भण्डारण निगम के 93 गोदामों को भी निजी गौण मंडी घोषित किया है। अधिकारी इन सभी केंद्रों पर जल्द से जल्द संसाधन उपलब्ध करवाकर खरीद किया जाना सुनिश्चित करें।
गहलोत ने कहा कि आगामी सीजन के लिए खाद एवं बीज की पर्याप्त उपलब्धता रहे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी खाद-बीज के लिए भीड़ एकत्र नहीं हो। राहत पैकेज के तहत मक्का एवं बाजरा के निशुल्क मिनीकिट का वितरण जल्द किया जाए। उन्होंने कहा कि कृषि कार्यों के लिए निजी कम्पनी के माध्यम से निशुल्क ट्रैक्टर एवं कृषि उपकरण किराए पर उपलब्ध करवाए जाने से लघु एवं सीमान्त किसानों को काफी राहत मिली है।
प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं सहकारिता नरेशपाल गंगवार ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि सरसों एवं चना की खरीद के लिए पहले 279 खरीद केंद्र स्वीकृत किए गए थे। अब राज्य में 520 अतिरिक्त क्रय केंद्र स्वीकृत किए गए हैं। प्राप्त लक्ष्य के अनुसार पूरे राज्य में सरसों एवं चने के करीब 8 लाख पंजीयन होने की संभावना है। प्रदेश में 4 मई तक 7864 किसानों को सरसों एवं चना खरीद का 94 करोड़ रूपए से अधिक का भुगतान कर दिया गया है। राज्य में खरीफ की अनुमानित बीज खपत 8.70 लाख क्विण्टल के मुकाबले 9 लाख क्विण्टल से अधिक बीज उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि कोविड-19 राहत पैकेज के तहत 15 हजार क्विंटल संकर बाजरा बीज की पूर्ति के लिए वितरण आदेश जारी कर दिए गए हैं तथा मक्का के बीज के लिए राज्य बीज निगम द्वारा नैफेड एवं राष्ट्रीय बीज निगम से व्यवस्था की जा रही है।
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