नई दिल्ली। गौरतलब है कि गत सप्ताह मसूर के भावों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी मसूर के भाव में बढ़त दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने मसूर के लिए आयात शुल्क 30% से घटाकर 10% कर दिया है। हालांकि आयात शुल्क में यह कटौती सिर्फ 31 अगस्त तक के लिए ही है। आयात शुल्क में कटौती के चलते विदेशी बाजारों में मसूर के भाव में अप्रत्याशित तेजी आई है। कारोबारियों से मिली जानकारी के अनुसार ऊंचे भावों पर मसूर की मांग कमजोर पड़ गई है। वहीं मंडियों में भी मसूर की मांग धीरे-धीरे कमजोर पड़ रही है। नीचे भावों में किसान भी अपना माल नीचे नहीं बेच रहे और इसके चलते मिलों के पड़ते भी नहीं लग रहे।
विशेषज्ञों के अनुसार मांग व आपूर्ति की वर्तमान स्थिति अगर ऐसे ही बनी रहे तो मसूर के लिए चालू सीजन अच्छा रहेगा।
No comments:
Post a Comment