मुंबई। चीनी उत्पादकों पर बिक्री का भारी दबाव होने के कारण मिल स्तर पर और मार्केट स्तर पर चीनी की कीमतों में 10 से ₹20 प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। वहीं चीनी की नाका कीमतें स्थिर रहीं। उत्पादकों पर यह दबाव इसलिए बन रहा है क्योंकि पिछले 3 महीनों से लॉकडाउन के चलते चीनी का भंडार बहुत ज्यादा बढ़ गया है। 9 सप्ताहों के बाद वाशी मार्केट में सामान्य कारोबारी गतिविधियां शुरू हुई। 1 जून से मुंबई शुगर मर्चेंट एसोसिएशन में चीनी की कीमतें देना शुरू किया है। जानकारों का मानना है कि लंबे समय से खरीदारों ने चीनी के ऑर्डर नहीं दिए हैं लेकिन आने वाले दिनों के ऑर्डर की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है। वहींं चीनी मिलों केेेेेे पास भी बड़ी मात्रा में चीनी का भंडार मौजूद है इसलिए आनेेे वाले दिनों चीनी की अनुपलब्धता नहीं होगी।
सरकार ने जून माह के लिए 18.5 लाख टन चीनी का कोटा जारी किया है जो कि वर्तमान मांग को देखते हुए उपयुक्त है। अप्रैल व मई माह के लिए कोटा 35 लाख टन चीनी का था, जोकि लॉक डाउन के चलते बिना बिका हुआ रह गया और अब उत्पादक इस भंडार को जल्द से जल्द बेचना चाहते हैं। वाशी मार्केट में प्रतिदिन 30 से 35 ट्रक चीनी की आवक हो रही है और इतनी ही मात्रा में स्थानीय स्तर पर बिक्री हो रही है। सोमवार को 20 चीनी मिलों ने 28 से 30 हजार बोरी एस ग्रेड चीनी की 3100-3170 और एम ग्रेड 3180-3280 पर बिक्री की है। इन परिस्थितियों को देखते हुए लग रहा है कि जून माह में चीनी की कीमतें स्थिर रहेंगी। हालांकि कारोबारी गतिविधियां बढ़ने से चीनी की मांग में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी लेकिन मार्केट में पर्याप्त चीनी का भंडार है।
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