सरसों वायदा जून की कीमतों में गिरावट होने पर 4520 रुपए के नजदीक खरीदारी की जा सकती है, क्योंकि यू-आकार की रिकवरी 4600 रुपए के स्तर तक जा सकती है। देशव्यापी तालाबंदी के कारण पिछले साल की तुलना में इन दिनों मंडियों में सरसों की आवक केवल 50% है। इन दिनों देश के उत्पादक बाजारों में सरजू की योजना 2.50 से 3 लाख बोरी की आवक हो रही है। जबकि पिछले साल की समान अवधि में 6 लाख बोरी की आवक हो रही थी।
सोया तेल वायदा जून की कीमतों में तेजी दर्ज की जा सकती और कीमतें ₹790 के स्तर पर समर्थन के साथ 800 से ₹805 तक बढ़ सकती है जबकि सीपीओ वायदा जून की कीमतें 660 से 655 तक बढ़त जारी रख सकती है।
गौरतलब है कि 2010 में भारत का इंडोनेशिया मलेशिया के साथ की गई समझौते के अनुसार भारत को क्रूड पाम ऑयल पर सीमा शुल्क बढ़ाने की अनुमति नहीं थी जो अवधि अब समाप्त हो गई है और भारत सीमा शुल्क को बढ़ाने के लिए स्वतंत्र है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने सरकार को सुझाव दिया है कि सोया और सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क को मौजूदा 37.5% से 45% तक बढ़ाया जाए जबकि कच्चे पाम तेल पर आयात शुल्क 50% किया जाए। सरकार स्थानीय स्तर पर अधिक तिलहन उगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए खाद्य तेल पर आयात शुल्क धीरे-धीरे बढ़ाने की मांगों पर विचार कर सकती है। शून्य निर्यात कर के कारण बेहतर निर्यात आंकड़ों के बाद मलेशियन पाम ऑयल की कीमतों में भी बढ़त देखी जा सकती है।
गौरतलब है कि 2010 में भारत का इंडोनेशिया मलेशिया के साथ की गई समझौते के अनुसार भारत को क्रूड पाम ऑयल पर सीमा शुल्क बढ़ाने की अनुमति नहीं थी जो अवधि अब समाप्त हो गई है और भारत सीमा शुल्क को बढ़ाने के लिए स्वतंत्र है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने सरकार को सुझाव दिया है कि सोया और सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क को मौजूदा 37.5% से 45% तक बढ़ाया जाए जबकि कच्चे पाम तेल पर आयात शुल्क 50% किया जाए। सरकार स्थानीय स्तर पर अधिक तिलहन उगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए खाद्य तेल पर आयात शुल्क धीरे-धीरे बढ़ाने की मांगों पर विचार कर सकती है। शून्य निर्यात कर के कारण बेहतर निर्यात आंकड़ों के बाद मलेशियन पाम ऑयल की कीमतों में भी बढ़त देखी जा सकती है।
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