अर्द्ध-वार्षिक आकलन से पता चला है कि वर्ष 2016-17 और 2017-18 के दौरान निर्यात में दर्ज की गई वृद्धि की बदौलत निर्यात में निरंतर उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो रही है। प्रथम छह माह (अप्रैल-सितम्बर 2018) के दौरान वाणिज्यिक निर्यात में रुपये के लिहाज से 19.93 प्रतिशत और अमेरिकी डॉलर के लिहाज से 12.54 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। सितम्बर 2018 में वाणिज्यिक निर्यात ने रुपये के लिहाज से 9.65 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाई है। कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के बावजूद वाणिज्यिक व्यापार घाटा सितम्बर 2018 में 13.98 अरब अमेरिकी डॉलर आंका गया जो पिछले पांच माह में सबसे कम है।
निर्यात
- चालू वित्त वर्ष के प्रथम छह महीनों के आकलन से पता चला है कि वर्ष 2016-17 और 2017-18 के दौरान निर्यात में दर्ज की गई वृद्धि की बदौलत निर्यात निरंतर बढ़त का रुख दर्शा रहा है।
- अप्रैल-सितम्बर 2018 के दौरान गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न एवं जेवरात के निर्यात में रुपये के लिहाज से 17.51 प्रतिशत और अमेरिकी डॉलर के लिहाज से 10.32 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। अतः निर्यात में वृद्धि दमदार रही है और यह केवल पेट्रोलियम उत्पादों तक ही सीमित नहीं है।
- सितम्बर 2018 में वाणिज्यिक निर्यात ने रुपये के लिहाज से 9.65 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाई है। वहीं, सितम्बर 2018 में वाणिज्यिक निर्यात में 2.15 प्रतिशत की मामूली ऋणात्मक वृद्धि दर्ज की गई है। आधार वर्ष से जुड़े प्रभाव के कारण ही यह गिरावट देखने को मिली है। यह प्रभाव सितम्बर 2017 के कारण उत्पन्न हुआ है क्योंकि उस दौरान डॉलर के लिहाज से वाणिज्यिक निर्यात में लगभग 26 प्रतिशत की असामान्य उच्च वृद्धि दर्ज की गई थी और यह जीएसटी-पूर्व दरों पर ड्रॉबैक की आसन्न अंतिम तारीख को देखते हुए संभव हो पाई थी। यह एक अस्थायी वृद्धि को दर्शाती है। निर्यातक अपनी आमदनी में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि होने से निरंतर उत्साहित नजर आ रहे हैं। अक्टूबर महीने का आंकड़ा भी पिछले छह माह के दौरान निर्यात में दर्ज की गई वृद्धि के अनुरूप ही रहने की उम्मीद है।
- सितम्बर 2018 के दौरान जिन प्रमुख जिंस समूहों के निर्यात में पिछले वर्ष के समान माह की तुलना में अमेरिकी डॉलर के लिहाज से उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है उनमें पेट्रोलियम उत्पाद (26.8%), कार्बनिक एवं अकार्बनिक रसायन (16.9%), दवा एवं फार्मास्यूटिकल्स (3.8%), कपास धागा/फैब्रिक्स/मेड-अप्स, हथकरघा उत्पाद, इत्यादि (3.6%) और प्लास्टिक एवं लिनोलियम (28.2%) शामिल हैं।
आयात
- अप्रैल-सितम्बर 2018 के दौरान आयात में अमेरिकी डॉलर के लिहाज से 16.16 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
- सितम्बर 2018 के दौरान आयात में अमेरिकी डॉलर के लिहाज से 10.45 प्रतिशत (यह पिछले पांच माह में सबसे कम है) और रुपये के लिहाज से 23.78 प्रतिशत की वृद्धि आंकी गई है।
व्यापार घाटा
- कच्चे तेल की कीमतें ऊंची रहने के बावजूद वाणिज्यिक व्यापार घाटा अप्रैल-सितम्बर 2018 के दौरान 94.32 अरब अमेरिकी डॉलर और सितम्बर 2018 में 13.98 अरब अमेरिकी डॉलर आंका गया है जो पिछले पांच माह में सबसे कम है।
|
No comments:
Post a Comment