जयपुर। वित्त वर्ष 2018 19 में कनाडा में मसूर उत्पादन गत वर्ष के 25.59 लाख टन के मुकाबले घटकर 22.30 लाख टन रहने का अनुमान है। कम उत्पादन के अनुमान के बाद भी वहां से मसूर की आपूर्ति गत वर्ष के 29.09 लाख टन के मुकाबले बढ़कर 31.27 लाख टन रहने की संभावना है। जानकारी के मुताबिक वहां बेहतर आपूर्ति के पीछे प्रति हेक्टेयर अच्छी यील्ड प्राप्त होना प्रमुख कारण है। वहां इस वर्ष 1.44 लाख टन प्रति हेक्टेयर यील्ड के मुकाबले 1.48 लाख टन प्रति हेक्टेयर यील्ड प्राप्त हुई है। भारत से कमजोर मांग के बाद भी वहां से मसूर का निर्यात बढ़ने की संभावना है।जानकारी के मुताबिक वहां से गत वर्ष के 15.40 लाख टन के मुकाबले 19 लाख टन मसूर का निर्यात हो सकता है। गत वर्ष देश में मसूर की घरेलू खपत 4.2 लाख टन आंकी गई है। वहीं मसूर का कैरीओवर स्टॉक 8.76 से घटकर 7.35 लाख टन रहने का अनुमान है। विशेषज्ञों के अनुसार इस वर्ष मसूर की औसतन कीमत 340 से $370 प्रति मीट्रिक टन रहने की संभावना है जबकि गत वर्ष यह $475 प्रति टन थी। मसूर का कृषि उत्पादन क्षेत्र 1509 हजार हेक्टेयर दर्ज किया गया है। आपूर्ति बेहतर रहने और सीमित मांग के चलते मसूर में ज्यादा बड़ी तेजी और मंदी नजर नहीं आ रही। ऐसे में संभावना यह है कि मसूर की कीमतें एक सीमित दायरे में कारोबार करे।
जयपुर। वित्त वर्ष 2018 19 में कनाडा में मसूर उत्पादन गत वर्ष के 25.59 लाख टन के मुकाबले घटकर 22.30 लाख टन रहने का अनुमान है। कम उत्पादन के अनुमान के बाद भी वहां से मसूर की आपूर्ति गत वर्ष के 29.09 लाख टन के मुकाबले बढ़कर 31.27 लाख टन रहने की संभावना है। जानकारी के मुताबिक वहां बेहतर आपूर्ति के पीछे प्रति हेक्टेयर अच्छी यील्ड प्राप्त होना प्रमुख कारण है। वहां इस वर्ष 1.44 लाख टन प्रति हेक्टेयर यील्ड के मुकाबले 1.48 लाख टन प्रति हेक्टेयर यील्ड प्राप्त हुई है। भारत से कमजोर मांग के बाद भी वहां से मसूर का निर्यात बढ़ने की संभावना है।जानकारी के मुताबिक वहां से गत वर्ष के 15.40 लाख टन के मुकाबले 19 लाख टन मसूर का निर्यात हो सकता है। गत वर्ष देश में मसूर की घरेलू खपत 4.2 लाख टन आंकी गई है। वहीं मसूर का कैरीओवर स्टॉक 8.76 से घटकर 7.35 लाख टन रहने का अनुमान है। विशेषज्ञों के अनुसार इस वर्ष मसूर की औसतन कीमत 340 से $370 प्रति मीट्रिक टन रहने की संभावना है जबकि गत वर्ष यह $475 प्रति टन थी। मसूर का कृषि उत्पादन क्षेत्र 1509 हजार हेक्टेयर दर्ज किया गया है। आपूर्ति बेहतर रहने और सीमित मांग के चलते मसूर में ज्यादा बड़ी तेजी और मंदी नजर नहीं आ रही। ऐसे में संभावना यह है कि मसूर की कीमतें एक सीमित दायरे में कारोबार करे।
No comments:
Post a Comment