नई दिल्ली। केंद्र सरकार का वजन है कि देश का एग्रीकल्चर निर्यात वर्ष 2022 तक 60 बिलियन डॉलर हो, इसके लिए केंद्र सरकार ने एग्रीकल्चर निर्यात पॉलिसी की घोषणा की है। इस पॉलिसी में ऑर्गेनिक और प्रसंस्करण एग्रीकल्चर प्रोडक्ट निर्यात पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। कैबिनेट मीटिंग के बाद वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि प्याज के निर्यात के संबंध में आपूर्ति की स्थिति और उत्पादन को देखते हुए ही निर्यात का निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक हमारा लक्ष्य एग्रीकल्चर निर्यात को दुगना करते हुए 60 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना है। उन्होंने बताया कि एग्रीकल्चर प्रोडक्ट का निर्यात 20% प्रति वर्ष की वृद्धि दर से बढ़ रहा है। इस निर्यात पॉलिसी का लक्ष्य देश से चाय, कॉफी और चावल का निर्यात वैश्विक स्तर पर बढ़ाने का है। पॉलिसी में ढांचागत सुविधाओं में आधुनिकरण करना, उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार, व्यवस्थित नियमावली, रुकावट डालने वाली नियम कायदों को दूर करना और शोध एवं विकास संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देना इत्यादि विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इस योजना के क्रियान्वयन में 1400 करोड़ रुपए की वित्तीय खर्च का अनुमान है। पॉलिसी में उच्च मूल्य के एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स और वैल्यू ऐडेड प्रोडक्ट्स के निर्यात को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार का वजन है कि देश का एग्रीकल्चर निर्यात वर्ष 2022 तक 60 बिलियन डॉलर हो, इसके लिए केंद्र सरकार ने एग्रीकल्चर निर्यात पॉलिसी की घोषणा की है। इस पॉलिसी में ऑर्गेनिक और प्रसंस्करण एग्रीकल्चर प्रोडक्ट निर्यात पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। कैबिनेट मीटिंग के बाद वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि प्याज के निर्यात के संबंध में आपूर्ति की स्थिति और उत्पादन को देखते हुए ही निर्यात का निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक हमारा लक्ष्य एग्रीकल्चर निर्यात को दुगना करते हुए 60 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना है। उन्होंने बताया कि एग्रीकल्चर प्रोडक्ट का निर्यात 20% प्रति वर्ष की वृद्धि दर से बढ़ रहा है। इस निर्यात पॉलिसी का लक्ष्य देश से चाय, कॉफी और चावल का निर्यात वैश्विक स्तर पर बढ़ाने का है। पॉलिसी में ढांचागत सुविधाओं में आधुनिकरण करना, उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार, व्यवस्थित नियमावली, रुकावट डालने वाली नियम कायदों को दूर करना और शोध एवं विकास संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देना इत्यादि विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इस योजना के क्रियान्वयन में 1400 करोड़ रुपए की वित्तीय खर्च का अनुमान है। पॉलिसी में उच्च मूल्य के एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स और वैल्यू ऐडेड प्रोडक्ट्स के निर्यात को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
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