मुंबई। बीएस6 की तैयारियों के बीच, टाटा मोटर्स ने यह घोषणा की है कि उसे एआरएआई (ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया) से अपने 3.8एल एनए एसजीआई सीएनजी इंजन के लिये बीएस6 टाइप अनुमोदन प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ है। यह भारत का पहला ओईएम है, जिसे वाणिज्यिक वाहनों के नैचुरली एस्पिरेटेड सीएनजी इंजन के लिये बीएस6 प्रमाणन मिला है। इस प्रमाणन में टेलपाइप मास एमिशन और ऑन-बोर्ड डायग्नोस्टिक्स (ओबीडी) नियमों का अनुपालन शामिल है, जैसा कि सरकारी विनियमन की अनिवार्यता है। इस सफलता के साथ, टाटा मोटर्स ने भारत में पर्यावरण हितैषी उत्पादों की पेशकश करने के अपने मार्ग पर आगे बढ़ना जारी रखा है।
इस अवसर पर टाटा मोटर्स के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (सीटीओ) राजेन्द्र पेटकर ने कहा, ‘‘बीएस6 इंजन प्रमाणन की यह उपलब्धि डिजाइन और विकास पर केन्द्रित होने के कारण मिली है, जिसके लिये इन-हाउस और अपने प्रौद्योगिकी भागीदारों की क्षमताओं का उपयोग किया गया है। हमने वाणिज्यिक वाहन बाजार में अपने ग्राहकों को कम लागत वाले, सर्वश्रेष्ठ श्रेणी के नैचुरल गैस वाहन उत्पाद प्रदान कर बाजार में अग्रणी स्थिति पर रहने के लिये कड़ी मेहनत की है और बीएस6 समाधान का यह विकास बाजार के लिये हमारी पेशकश को और मजबूत करेगा।’’
3.8 एनए एसजीआई सीएनजी इंजन एक नैचुरली एस्पाइरैटेड इंजन है, अर्थात् इसमें टर्बोचार्जर की जरूरत नहीं है। यह 2500 आरपीएम पर 285 एनएम टॉर्क के साथ 2500 आरपीएम पर 85 पीएस की अधिकतम शक्ति उत्पन्न करता है। इंजन में यह कम्बस्टन स्टोइचियोमेट्रिक स्थिति में होता है। इस इंजन में सीक्वेंशियल गैस इंजेक्शन टेक्नोलॉजी है, जिसमें टाटा मोटर्स भारत में अग्रणी है। थ्री-वे कैटालिटिक कनवर्टर वाला एक्जॉस्ट आफ्टर-ट्रीटमेन्ट सिस्टम प्रदूषणों के स्तर को विनियमन द्वारा अनिवार्य की गई सीमा से नीचे रखता है।
3.8 एनए एसजीआई सीएनजी इंजन से 4टी से लेकर 9टी जीवीडब्ल्यू बसों और ट्रकों को शक्ति मिलेगी, जैसे 407, 709 और909 (मौजूदा बीएस4 वर्जन), जो बाजार में पहले से लोकप्रिय हैं,क्योंकि यह अपनी श्रेणी में ईंधन की सर्वश्रेष्ठ बचत करते हैं। ट्रक अनुप्रयोगों में वाटर टैंकर भी शामिल हैं।
बीएस6 नियम भारत में 1 अप्रैल, 2020 से लागू होंगे। बीएस4 से बीएस6 में अपग्रेडेशन करने की इंजीनियरिंग जटिल है, इस चुनौती में प्रौद्योगिकी सम्बंधित एडवांसमेन्ट्स की सीमाओं के पार जाना होता है और इसके लिये आवश्यक अवसंरचना और सुविधा का टर्नअराउंड अत्यधिक महंगा पड़ता है और इसमें समय भी बहुत खर्च होता है। अपने टर्नअराउंड को सुधारने के लिये हमने ईआरसी, पुणे के पॉवर सिस्टम्स इंजीनियरिंग डिविजन (पीएसई) में एक अत्याधुनिक ‘‘एमिशन टेस्ट फैसिलिटी’’ की स्थापना की है। बीएस6 के क्रियान्वयन के लिये यह सुविधा अत्यंत महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है।
टाटा मोटर्स अपने इंजनों और वाहनों के अपग्रेडेशन के लिये निरंतर काम कर रहा है, ताकि आवश्यक बीएस6 उत्सर्जन नियमों को पूरा किया जा सके और कंपनी बाजार को पर्यावरण हितैषी उत्पाद देने के लिये प्रतिबद्ध है।
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