नई दिल्ली। मुस्लिमों का पवित्र महीना रमजान 24 अप्रैल से शुरू हो रहा है। इस दौरान वृहद स्तर पर खजूर और ड्राई फ्रूट की मांग रहती है। आयात के नगण्य होने और बंदरगाहों पर गाड़ी के फंस जाने के कारण इस बार खजूर और ड्राई फ्रूट्स दुर्लभ रहने वाले हैं। ड्राई फ्रूट व्यापारियों के अनुसार पिछले 1 महीने में बादाम, काजू और अखरोट के थोक मूल्य में 15% की वृद्धि दर्ज की गई है।
रमजान के अवसर पर खजूर और सूखे मेवों की आपूर्ति बेहद आवश्यक है लेकिन यह हकीकत है कि यह 99% आयात पर निर्भर है।
देश में खजूर की कुल खपत का 30% रमजान माह में होता है और भारत हर साल ईरान, इराक, ओमान, अल्जीरिया और दुबई से 125,000 टन खजूर का आयात करता है।
लॉकडाउन के कारण आयात कम हो गया है और परिवहन एक चुनौती बना हुआ है। इसने बिक्री का 30 फीसदी हिस्सा प्रभावित किया है। बंदरगाहों पर कार्गो की आवाजाही धीमी है। सूत्रों के अनुसार बंदरगाहों पर 3000 कंटेनर और 60,000 टन के कार्गो
क्लीयरेंस का इंतजार कर रहे हैं। इसके चलते रमजान से पहले ही मार्केट में बादाम, काजू और अखरोट के भाव में कृतिम तेजी आ गई है। व्यापारियों के अनुसार आगे भी तेजी की ही संभावना है।
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