नई दिल्ली। बंदरगाहों पर बर्मा से आयातित उड़द की बिकवाली बढ़ने से इसके भाव में कमजोरी दर्ज की जा रही है। वहीं लॉकडाउन के चलते उड़द की आपूर्ति प्रभावित हुई है लेकिन मांग भी कमजोर है। बंदरगाहों पर उड़द का स्टॉक कम है इसलिए इसके भाव में ज्यादा गिरावट की आशंका कम है। 17 जुलाई तक देश में 25.43 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर उड़द की बिजाई हो चुकी है जो कि गत वर्ष की समान अवधि में 17.77 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में हुई थी। गत सप्ताह उड़द के भाव में ₹50 की गिरावट दर्ज की गई। मुंबई में इस गिरावट के साथ भाव पुराना उड़द 5850 और नया उड़द 5950 रहे। चेन्नई पोर्ट पर उड़द का भाव 5900 एफएक्यू और 6725 रुपया एसक्यू रहा व कोलकाता 6000 रुपए एफएक्यू रहा। मंडियों में उड़द का स्टाक कम है। मंडियों में उड़द के भाव में 50 से 150 रुपए की गिरावट दर्ज की गई। आगे उड़द की मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद है। उड़द की मंदी का असर उड़द की दाल पर भी देखने को मिला और उड़द दाल की कमजोरी के कारण उड़द में कमजोरी दर्ज की जा रही है। गत सप्ताह उड़द दाल में 100 से 250 रुपए की गिरावट दर्ज की गई। उड़द में भाव घटने के बाद भी नई ग्राहकी नहीं निकल पाई। इस प्रकार आने वाले कुछ दिनों में उड़द का बाजार कभी तेज तो कभी नरम रहने की संभावना अधिक है।
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Monday, July 20, 2020
मांग कमजोर होने से उड़द में मंदी, भावों में ज्यादा गिरावट की आशंका कम
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