जयपुर। जीरा वायदा की बढ़ती मांग के बीच गुजरात में इसकी बुवाई के कमजोर आंकड़ें इसमें तेजी की अवधारणा को बल दे रहे हैं। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि हर गिरावट में जीरा खरीदने लायक कमोडिटी है और आने वाले महीनों में जीरा का भाव 18000 रुपये प्रति क्विंटल बनने की अवधारणा को बल मिल रहा है।
जीरा वायदा (जनवरी) 0.5 फीसदी की गिरावट के साथ तीसरे लगातार सत्र में कारोबार कर रहा है और उम्मीद है कि इसे 16००० रुपये पर समर्थन मिलेगा। वर्तमान में जीरा की भौतिक मांग में सुधार हो रहा है क्योंकि बुवाई की प्रगति अभी भी चिंता का विषय है। संबंधित कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार 06 दिसंबर को गुजरात में जीरा के तहत क्षेत्र केवल 2.38 लाख हेक्टेयर था जो कि गत वर्ष की समान अवधि में 3.81 लाख हेक्टेयर था। वहीं राजस्थान में जीरा 4.66 लाख हेक्टेयर में बोया गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसर अप्रैल-सितंबर के लिए जीरा का निर्यात वर्ष दर वर्ष 14 फीसदी घटकर 1.39 लाख टन रहा है। लेकिन आने वाले महीनों में जीरा की निर्यात मांग में सुधार की उम्मीद है।
जीरा पर तकनीकी दृष्टिकोण: जीरा के वीकली चार्ट पर नजर डालने से पता चलता है कि जीरा ने जनवरी, 2020 से नवम्बर 2021 तक 13000 से 15600 के मध्य कंसोलिडेट किया है और अब इसमें ब्रेक आउट आ चुका है। ऐसे में चार्ट पर भी जीरा वायदा में तेजी दिख रही है। कारोबारियों को गिरावट में 15600 तक खरीद करके 14000 का स्टॉपलॉस दिमाग में रखना चाहिये। चार्ट के हिसाब से ब्रेकआउट का टारगेट 18000 लग रहा है।
नोट: निवेशकों को वायदा कारोबार के पंजीकृत विशेषज्ञों से राय लेकर ही कारोबार करना चाहिये।
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